छंद त्रिभंगी
कइसन बेढंगा,रंग बिरंगा,उज्जर तन ला,रंग डरे।
सादा जीवन ला,मनखे पन ला,छोड़े अउ पाखंड धरे।
कुछ तो सुन गुन मन,झूठा के सँग,जाये मा नुकसान हवै।
सच्चा के सँग मा,घर अउ बन मा,धन जिनगी के,मान हवै।
-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"
गोरखपुर,कवर्धा
कइसन बेढंगा,रंग बिरंगा,उज्जर तन ला,रंग डरे।
सादा जीवन ला,मनखे पन ला,छोड़े अउ पाखंड धरे।
कुछ तो सुन गुन मन,झूठा के सँग,जाये मा नुकसान हवै।
सच्चा के सँग मा,घर अउ बन मा,धन जिनगी के,मान हवै।
-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"
गोरखपुर,कवर्धा
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