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 मीरा बाई चानू टोक्यो ओलंपिक ले पहलिच दिन खुशखबरी आइस हे। भारोत्तोलन मा जब सिल्वर, मेडल मीरा लाइस हे। हमर देश के खेल रतन ए, बेटी हमर पदमश्री ए। बेटी मन बर उज्जर सपना, साहस ए शाबाशी ए। माई के मुस्कान हरय, बेटी बाबा के हॉंसी ए। मणिपुर के मस्तक के मोती,गरब हमाये ऑंखी ए। भारत के बेटी ले बेटी, माई गौरव पाइस हे। भारोत्तोलन मा जब सिल्वर,मेडल मीरा लाइस हे। तारिख आठ अगस्त महीना, उन्नाइस सौ चौरनवे। मीरा बाई चानू जी के, जनम दिवस अब याद हवे। साइखोम कृति मैताई ए, पापा देश दुलारी के। नाव ओंगबी तोम्बी लीमा, मीरा के महतारी के। बचपन वाले भार बॉंस के, बेटी ला सॅंहुराइस हे। भारोत्तोलन मा जब सिल्वर, मेडल मीरा लाइस हे। कामनवेल्थ एशियन मा हे, पदक रजतिया सोना के। वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग मा हावय, सोना बिटिया सोना के। दो हजार इक्कीस बछर ए, गुजर गइस इक्कीस बछर। भारोत्तोलन मा आइस हे, ये दुसरइया मेडल घर। बेटी सन मा खुशी मनावत, देश मिठाई खाइस हे। भारोत्तोलन मा जब सिल्वर, मेडल मीरा लाइस हे। रचना-सुखदेव सिंह'अहिलेश्वर' गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़