जलहरण घनाक्षरी
"चुनई बछर"
रैली हड़ताल बर,गोंदली पताल बर,
बजे खूब गाल तब जान चुनई बछर।
मीडिया के पटल मा,जनता के हालत के,
उठय सवाल तब जान चुनई बछर।
जनता हा गोठियाय,नेता कर एड़ी खाय,
होवय कमाल तब जान चुनई बछर।
जनता निहाल होय,माँगय रूमाल जब,
मिले साड़ी साल तब जान चुनई बछर।
-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"
गोरखपुर,कवर्धा
16/06/2018
"चुनई बछर"
रैली हड़ताल बर,गोंदली पताल बर,
बजे खूब गाल तब जान चुनई बछर।
मीडिया के पटल मा,जनता के हालत के,
उठय सवाल तब जान चुनई बछर।
जनता हा गोठियाय,नेता कर एड़ी खाय,
होवय कमाल तब जान चुनई बछर।
जनता निहाल होय,माँगय रूमाल जब,
मिले साड़ी साल तब जान चुनई बछर।
-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"
गोरखपुर,कवर्धा
16/06/2018
बहुत सुगघर व्यंग रचना हे गुरुदेव 👍
जवाब देंहटाएंशानदार रचना सर जी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर
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