"वाट्सएप वीर"

चढ़ते रोज कमानों मे जन मन भेदक उन तीरों को।
अपने ही धुन मे बजते उन झाँझ मृदंग मँजीरों को।
बातों ही बातों मे सब कुछ पा लेना जो चाह रहे,
आओ नमन करें हम ऐसे वाट्सएप के वीरों को।

-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर
    गोरखपुर,कबीरधाम

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