पंथी गीत


मॅंय तो पबरित चरण मनावॅंव

गुरू के मोर..आरती वंदना ल गावॅंव

गुरू के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस

बबा के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस


मॅंय तो चरणों में माथ नवावॅंव

गुरू के मोर..आरती वंदना ल गावॅंव

गुरू के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस

बबा के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस


पुरुषपिता ले जीव जगत पुकारे

गुरू बिन कोन दुख विपदा ल टारे--कोरस

गिरौदपुरी म बाबा लिए अवतारे

ज्ञान अमरित देके हंसा ल उबारे---कोरस


उही ज्ञान अमरित महूॅं पावॅंव

गुरू के मोर..आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस

बबा के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस


चंदन घोरि घोरि ॲंगना लिपावॅंव

गज मोति अन कर चौंक पुरावॅंव--कोरस

हिरदे कमल बीच गदिया लगावॅंव

ओहि गदिया म सतगुरू ल पौढ़ावॅंव--कोरस


मॅंय तो मन भर दर्शन पावॅंव

गुरू के मोर..आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस

बबा के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस


गुरु मोर ज्ञानी कर हे अमरित पानी

सुने हावॅंव मैं ह सबो संत के जुबानी..कोरस

बिना भेद-भाव बाबा करे हे सियानी

सबो बर मीठ मया मीठ मीठ बानी..कोरस


गुरु गुन गा के आशीष पावॅंव

गुरू के मोर...आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस

बबा के मोर आरती वंदना ल गावॅंव---कोरस


रचना-सुखदेव सिंह'अहिलेश्वर'

गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़













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