'रे जग बयरी कोरोना'

चालिस डिगरी घाम ताव मा,दुबक जबे कोनो कोना।
हमला का डरुहाये सकबे रे जग बयरी कोरोना।

रोके बर तहनाज प्रशासन,तोर सगा-सैमर मन ला।
दुर्राना हे कइसे तोला,अलखावत हे जन जन ला।

अभिवादन जोहार नमस्ते,जानत हवन हाथ धोना।
हमला का डरुहाये सकबे रे जग बयरी कोरोना।

जतका माध्यम हे बगरे के,रोड रवन हे नाके के।
स्वस्थ सुरक्षित तैनाती हे,पहिचाने के ताके के।

जल्दी धरके फूट इहाँ ले,डिस्पोजल पतरी दोना।
हमला का डरुहाये सकबे रे जग बयरी कोरोना।

-सुखदेव सिंह'अहिलेश्वर'









टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट