छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल
बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन
फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन
शक्ति पहिचान गुरू घासी के
सत्य ला जान गुरू घासी के
हे सरल सार सुलभ हितकारी
बोधमय ज्ञान गुरू घासी के
झूठ ठहरै न कभू माथा मा
गोठ ला मान गुरू घासी के
दुख बिपत्ती के भॅंवर टल जाही
तॅंय लगा ध्यान गुरु घासी के
आज संकर किसिम कहावत हे
चुरकी भर धान गुरू घासी के
बागवानी म चलत हे आजो
जर तना दान गुरू घासी के
मनखे मनखे म कहॉं हे अंतर
नाक मुॅंह कान गुरू घासी के
जेन ब्रम्हाण्ड पिता पालक ए
एक भगवान गुरू घासी के
भक्त सुखदेव पिके ज्ञान अमृत
करथे जयगान गुरू घासी के
रचना-सुखदेव सिंह'अहिलेश्वर'
गोरखपुर कबीरधाम छत्तीसगढ़
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