तीज तिहार(मत्तगयंद सवैय्या छंद)

तीज तिहार लगे मनभावन जे बड़ पावन रीत धरे हे।
द्वार सुहावन लागत हे जस आज नता जग जीत डरे हे।
गाँव गली मुसकावत हे बहिनी मन के शुभ पाँव परे हे।
आज सबे हिरदे खुश हे बिटिया बर सुग्घर भाव भरे हे।

सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"

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