मत्तगयंद सवैय्या छंद

आज पधारत हे गणराज चलौ मिलके करबो अगुवानी।
नाँव गणेश गजानन जेखर मातु हवै गउरी महरानी।
कातिक जेखर बन्धु लगे अउ बाप सदाशिव औघट दानी।
झाँझ मृदंग धरौ मनुवा सँग श्रीफल हाथ चरू भर पानी।


  • सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"
  • 25/08/2017

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